स्थापना दिवस की 75वीं वर्षगांठ
परमाणु ऊर्जा विभाग (प.ऊ.वि.) की संघटक इकाई, परमाणु खनिज अन्वेषण और अनुसंधान निदेशालय (प.ख.नि.) ने 29 जुलाई, 2024 को अपने स्थापना दिवस की 75वीं वर्षगांठ मनाई। यह भव्य समारोह प.ख.नि. मुख्यालय, बेगमपेट, हैदराबाद में आयोजित किया गया तथा साथ ही नई दिल्ली, बेंगलुरु, जमशेदपुर, शिलांग, जयपुर, नागपुर और चेर्लापल्ली (हैदराबाद) में स्थित प.ख.नि. के सात क्षेत्रीय केंद्रों में व तिरुवनंतपुरम, विशाखापत्तनम एवं कोलकाता में स्थित तीन अनुभागीय कार्यालयों में भी कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । मुख्य कार्यक्रम प.ख.नि. मुख्यालय, हैदराबाद के डॉ. होमी जहाँगीर भाभा सभागार में हुआ और व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन मंच पर वेबकास्ट किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. अजित कुमार मोहान्ती, अध्यक्ष, परमाणु ऊर्जा आयोग एवं सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. कोमल कपूर, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी, एन.एफ. सी. के साथ विशेष अतिथि डॉ.कृष्ण कुमार द्विवेदी, पूर्व निदेशक, प.ख़.नि. व अनेक गणमान्य अतिथियों ने इस अवसर को सुशोभित किया। प.ख.नि. मुख्यालय में श्री धीरज पांडे, निदेशक, प.ख.नि. , डॉ. प्रखर कुमार, एवं श्री प्रेम कुमार शर्मा, अपर निदेशक उपस्थित रहे और साथ ही वर्चुअल माध्यम से प.ख.नि. के कई गणमान्य व्यक्ति भी सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। निदेशक प.ख.नि. श्री धीरज पांडे ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों, विशेष अतिथि और अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने प.ख.नि. के शानदार इतिहास का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया, जिसमे उन्होंने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की विरल खनिज सर्वेक्षण इकाई (आर.एम.एस.यू.) को 29 जुलाई 1949 को परमाणु ऊर्जा आयोग के अंतर्गत लाया गया। श्री पांडे ने देश के परमाणु खनिज संसाधनों को बढ़ाने में प.ख.नि. के अथक प्रयासों पर प्रकाश डाला और अन्वेषण एवं अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए निदेशालय की प्रतिबद्धता को दोहराया। इस ऐतिहासिक पड़ाव को चिह्नित करने के लिए, मुख्य अतिथि डॉ. मोहान्ती द्वारा एक विशेष “प्रतीक चिन्ह” का अनावरण किया गया। इसके बाद डॉ. कृष्ण कुमार द्विवेदी और डॉ. कोमल कपूर ने प.ख.नि. के महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख करते हुए सभा को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में प.ख.नि. के पांच आंतरिक प्रकाशनों का डॉ. मोहान्ती द्वारा विमोचन भी किया गया, जो प.ख.नि. के उल्लेखनीय उपलब्धियों को दर्शाता है।
मुख्य अतिथि डॉ. मोहान्ती ने अपने संबोधन बताया कि डॉ. होमी भाभा द्वारा परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की संकल्पना के बाद से ही भारत में परमाणु खनिजों के लिए प.ख.नि. की अन्वेषण रणनीति के साथ-साथ परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकास स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। उन्होंने प.ख.नि. के महत्वपूर्ण उपलब्धियों की सराहना करते हुए बताया कि प.ख.नि. ने अन्वेषण क्षमताओं में विविधता लाई है और विरल धातुओं (Li, Be, Nb-Ta) एवं विरल मृदा तत्वों (REE) जैसे महत्वपूर्ण तथा सामरिक तत्वों की खोज शुरू की है जो भारत में हरित ऊर्जा संक्रान्ति के संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने उल्लेख किया कि भविष्य में ऊर्जा क्षेत्र में परमाणु ऊर्जा का योगदान बहुत महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने स्वास्थ्य, खाद्य, कृषि और अन्य क्षेत्रों में परमाणु प्रौद्योगिकियों के गैर-ऊर्जा अनुप्रयोगों पर भी प्रकाश डाला। स्थापना दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर निदेशालय को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि पृथ्वी में प्रचुर मात्रा में परमाणु खनिज भंडार उपलव्ध हैं जिसका प.ख.नि. अपने अन्वेषण तकनीकों से लगातार संवर्धन करता रहेगा।
इस समारोह के अंतर्गत आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की व्यापक प्रशंसा और सराहना की गयी। इसके उपरांत मुख्य प्रशासनिक एवं लेखा अधिकारी , प.ख.नि. श्री एस.एस. प्रसाद राव द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।;