भौतिकी वर्ग प्रयोगशालाओं में, सात क्षेत्रीय भौतिक विज्ञान प्रयोगशालाएं, क्रमश: उत्तरी क्षेत्र, नई दिल्ली, दक्षिणी क्षेत्र, बेंगलुरु; पूर्वी क्षेत्र, जमशेदपुर; उत्तर पूर्वी क्षेत्र, शिलांग; पश्चिमी क्षेत्र, जयपुर; मध्यवर्ती क्षेत्र, नागपुर दक्षिण मध्य क्षेत्र, हैदराबाद और मुख्यालय, हैदराबाद में स्थित एक विकिरण मानक और विश्लेषणात्मक (आरएसए) प्रयोगशाला शामिल हैं। भौतिक विज्ञान समूह ने वायुवाहित स्पेक्ट्रोमीटर एवं रेडियोधर्मी सर्वेक्षण में प्रयोग होने वाले पोर्टेबल गामा किरण स्पेक्ट्रोमीटर, पोर्टेबल कैलिब्रेशन पैड और जीप/कार वाहित गामा किरण स्पेक्ट्रोमीटर विकसित किए हैं। भौतिकी वर्ग, प.ऊ.वि. के आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्रों (ईआरसी) के कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए भी जिम्मेदार है।
क्षेत्रीय भौतिकी वर्ग प्रयोगशालाएं
भौतिकी वर्ग प्रयोगशालाएं, फील्ड एवं प्रयोगशालाओं में किये गए विभिन्न प्रकार के रेडियोधर्मी विश्लेषण द्वारा प्राप्त आंकड़े प्रदान करते हुए निदेशालय की अन्वेषण गतिविधियों को सहायता प्रदान करती हैं। प्रयोगशालाओं में निम्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं:
1. बोरहोल की गामा रे लॉगिंग: गामा रे लॉगिंग ऐसी तकनीक है जिससे रेडियोधर्मी खनिजीकरण की उपसतह में मोटाई आँकी जाती है और eU3O8 की सांद्रता पीपीएम से लेकर प्रतिशत स्तर तक जीएम डिटेक्टर या प्रस्फुरण डिटेक्टर का उपयोग कर निर्धारित की जाती है।.
2. संरक्षित प्रोब गामा किरण लॉगिंग: इस तकनीक का उपयोग रेडियोधर्मी खनिजीकरण की सतह पर विस्तार को जानने के लिए किया जाता है और eU3O8 की सांद्रता जीएम डिटेक्टर का उपयोग करके निर्धारित की जाती है।
3. बोरहोल से प्राप्त कोर का रेडियोधर्मी विश्लेषण: जीआर डिटेक्टर आधारित सिस्टम के उपयोग द्वारा कोरिंग बोरहोल से प्राप्त कोर नमूनों की eU3O8 सांद्रता जानने के लिए इस पद्धति का उपयोग किया जाता है ।
4. भूवैज्ञानिक शैल, मृदा नमूनों का रेडियोधर्मी विश्लेषण
4.1: बीटा गामा प्रणाली द्वारा U3O8 विश्लेषण: eU3O8 संयोजन के उपयोग कर नमूनों के संलग्नकों की कुल गामा किरणों की क्रियाशीलता मापी जाती है, जो आगे के विश्लेषण के लिए नमूनों को निरूपित करने में मदद करता है।
4.2: भूवैज्ञानिक नमूने में यूरेनियम के अनुमान के लिए, बीटा और गामा विकिरण को एक ही समय पर मापा जाती है। पीसी आधारित पांच चैनल गिनती प्रणाली को आतंरिक रूप से विकसित और संविरचित किया गया है। गामा माप के लिए इसमें चार एकल चैनल विश्लेषकों के साथ NaI (Tl) क्रिस्टल संलग्न है और बीटा माप के लिए पैनकेक प्रकार का बीटा टयूब है। अगर अपक्षयन और विभिन्न भूवैज्ञानिक कारणों के कारण नमूनों में असाम्यावस्था है, तो रेडियम, थोरियम और पोटेशियम के साथ यूरेनियम के निर्धारण के लिए पीसी आधारित पांच चैनल गिनती प्रणाली का सहारा लेते हैं।
4.3: गामा किरण स्पेक्ट्रोमेट्री (HPGe और NaI(Tl) डिटेक्टर): गामा किरण स्पेक्ट्रोमेट्री डिटेक्टर द्वारा शैल नमूनों में अंतर्निहित रेडियम, थोरियम और पोटेशियम, डीएसपी आधारित गामा- किरण स्पेक्ट्रोमेट्री सिस्टम और उच्च विभेदन गामा-किरण स्पेक्ट्रोमेटी हेतु एचपीजी डिटेक्टर सिस्टम का उपयोग किया जाता है।
4.4:उच्च विभेदन गामा-किरण स्पेक्ट्रोमेटी के उपयोग से U3O8 विश्लेषण: भूगर्भीय नमूनों में निहित यूरेनियम को उच्च विभेदन गामा किरण स्पेक्ट्रोमेट्री के उपयोग करके निर्धारित किया जाता है।